Sunday, December 19, 2010

यादें

याद है मुझे वो घर,
जिसके आँगन में, ठण्ड के मौसम में
गुनगुनी धूप बिखरी रहती थी,
जो सरकती रहती थी पल-पल,
और साथ उसके खटिया भी
जिस पर मैं लेटा रहता था..
वो धूप जब दीवार पर टंग जाती,
तो सोचा करता,
काश मैं भी दीवार पर खटिया डालकर सो सकता..और कुछ देर...

उस घर के आँगन में
एक पेड़ था, हरा, कटहल का..
माँ बताती कि किसी ने उस पेड़ में
लोहे की कील ठोक दी है
जो फलता नहीं वो..
फिर भी
आँगन के एक कोने में खड़ा वो पेड़
बहुत सुन्दर था..
मुझे हमेशा लगता
उस पेड़ की जड़ों के पास साँपों की बाम्बी है
और उसमें रहने वाले सांप मेरे रक्षक हैं..
उस पेड़ की जड़ों के पास ही हम नारियल फोड़ते,
सफ़ेद रसगुल्लों से भरे वो टिन के डिब्बे खोलते
जो शायद अब बाज़ार में नहीं मिलते..
दिवाली के दिन पूजी गई मिट्टी की मूर्तियाँ
नदी में सिराने से पहले
कई दिनों तक उसी पेड़ की
जड़ों के पास पड़ी रहतीं..गलती रहतीं...

उस आँगन में पापा ने
एक झूला भी लगवाया था,
जिस पर मैं, मेरी बहन और मोहल्ले के दोस्त
अकसर ही चढ़े रहते थे..
मैं उस पर बैठ कर झूलता तो मुझे चक्कर आता...

उस आँगन से सटे दो कमरे थे,
जिनमें से एक रसोई थी..
दूसरा कमरा मुझे डरावना लगता,
इतना कि दिन में भी मुझे उसमे अकेले जाते डर लगता..
पर रसोई,
वो तो केंद्र थी घर का..
स्कूल से लौटते ही
हम घर में फ़ैली गंध पहचनाने की कोशिश करते..
कि माँ ने आज क्या पकाया होगा..
माँ जब शाम को रसोई में
कोयले की सिगड़ी पर रोटियां सेंकती..
तो हम उसके साथ रसोई में ही बैठकर
स्कूल का काम कर लेते..
फिर माँ से आटा मांगकर,
कभी उससे कछुआ बनाते तो कभी चिड़िया,
और फिर रख देते उन्हें सिगड़ी के अन्दर,
पकने के लिए..
अकसर ही कच्चे रह जाते थे वो..भीतर से...

रसोई से संटा हुआ था
सोने का कमरा..
हम सभी साथ ही सोते वहां..
मैं और मेरी बहन,
दोनों ही पापा के बगल में सोना चाहते..
वो हमें अपने दोनों और लिटा लेते और
कहानियां सुनाते..
ऊपर छत को देखते हुए..
क्यूंकि हम दोनों ही जिद्द करते
हमारी ओर देखकर कहानी सुनाने की..
मेरी बहन ने मुझे याद दिलाया
कैसे वो एक दफा भोपाल गए थे..
और हम दोनों ही
उनका तकिया पकड़ कर सोये थे..
शायद रोये भी थे...

और मुझे याद है एक वाकया,
जब मैं घर पर अकेला था..
दरवाज़े के ऊपर टंगी
भगवान् की फोटो के सामने
हाथ जोड़कर रो रहा था..
एक टीचर ने परीक्षा के दौरान
मेरी कॉपी से देखकर किसी बच्चे को
कुछ उत्तर बताये थे..
मैं भगवान् से मना रहा था
उस बच्चे के मुझसे ज्यादा नंबर ना आयें...

कितना अजीब था बचपन..मेरा..
शायद हर किसी का होता है..
अनोखा...

मन के किसी कोने में
ना जाने कहाँ छुपकर
यादें रहती हैं..
कभी जब मन भारी होता है..
तो बरसने लगती हैं......

Saturday, February 20, 2010

कुछ आंकड़े

1) Incidents of Terrorist attack 1999-2008 - 61301
Number of Deaths- 18360

http://www.lead.timesofindia.com/MediaRoom.aspx?URLName=LeadIndia09.a...
http://www.easydriveforum.com/showthread.php?t=2214

2) Deaths due to road accidents in India - 250/daily
In 10 years - more than 900000

1,05,749 deaths in the year 2006 alone

http://www.easydriveforum.com/showthread.php?t=2214
http://www.merinews.com/article/road-accident-deaths-highest-in-india...

3) Farmers Suicide in past 10 years - 200000

4) Occupational deaths - 47000 in the year 2003 alone

http://www.ilo.org/global/About_the_ILO/Media_and_public_information/...

5) Deaths because of TB - 331268 in 2006 alone.

http://www.searo.who.int/en/Section10/Section2097/Section2100_14797.htm
http://www.who.int/inf-new/tuber3.htm

6)At the very least, 22327 die every year cleaning sewage.

http://www.tehelka.com/story_main36.asp?filename=Ne081207DYING.asp

7) people died in 26/11 - 195

8) 1,200 people were killed in violence linked to the insurgency in 2009

http://beta.thehindu.com/news/national/article145699.ece?homepage=true